गुरुवार, 29 जून 2023

Biology

 पृथ्वी के लंबे इतिहास में लाखों विभिन्न किस्मों के जीव धारियों की उत्पत्ति और विलुप्त हुई है अनेक किस्मों के जीव वर्तमान पृथ्वी पर वास करते हैं इनमें से लगभग 17 से 18 लाख किस्मों के वैज्ञानिक पहचान कर चुके हैं जीव धारियों की प्रत्येक किस्मत को जीव विज्ञान में जीव जाती (species) कहते हैं पृथ्वी के संपूर्ण जय तंत्र संगठन में कोशिकाओं तथा व्यक्तिगत जीव धारियों यह बात जीव जातियां काही महत्व होता है अतः जीव जातियों की स्पष्ट पहचान पृथ्वी के जय तंत्र को समझाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है प्राचीन काल से जीव जाती हो की पहचान के लिए लोगों की विभिन्न अवधारणाएं (concepts) रही है प्रमुख अवधारणा निम्नलिखित हैं ।                                                      1. प्रतीकात्मक अवधारणा (Typological concept):।     पक्षियों स्तनियो आदि बड़े जंतुओं तथा बड़े पेड़ पौधे की विभिन्न जातियों की हर कोई सुगमता पूर्वक पहचान कर देता है संभवत इसी पृष्ठ आधार (Background) के कारण 19वीं सदी के मध्य तक लोगों की आम धारणा रही की"परमात्मा"जैसी किसी"अलौकिक शक्ति"ने आदि काल में प्रत्येक जीव जाती के लिए विशिष्ट लक्षणों वाले नर व मादा जीवो को एक प्रतीकात्मक जोड़ी( Typological pair) की सृष्टि की और इस जोड़ी की सारे के वंशजों अस्थाई रूप से है।                                                                         2. जाति वृत्ति अवधारणा(Phylogenetic concept):.       इस अवधारणा में पूरा बल पूर्वज वंशावली ( ancestral lineage) पर देते हुए कहा गया कि प्रत्येक जीव जाती एक भी पूर्वज अपरिवर्तनीय वंशजों का समूह होता है।    

एक अजनबी की कहानी

 एक राजा की आदत कि वह भेष बदलकर लोगों की खैर खबर लिया करता था एक दिन भेष बदलकर गुजरते हुए शहर किनारे एक आदमी मरा पड़ा हुआ दिखा लोग उसके पास ...